Friday, March 23, 2012

बातों की मनाही

चंद लम्हे ख़ुशी के
तुमसे से जो उधार लिए
नम आँखों के ज़रिये
तुमने सूद समेत वापस लिए

1 comment:

  1. DISCLAIMER:
    1) Writing on 01 Apr, please take it with the spirit (my fav is beer)
    2) My understanding of poetry is as much as poets understand electromagnetism.

    Laugh and have fun:


    पहले तुमने मुझे हंसाया
    फिर तुमने मुझे रुलाया ,
    तुम्हे इसीलिए मज़ा आया,
    क्योंकि तुमने मुझे अप्रैल फूल बनाया

    Wah Wah!!! :))

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